कंप्यूटर प्रक्रिया की तकनीक (computer processing technique ) (cpct हिंदी में ) "DCA PGDCA notes हिंदी में"

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कंप्यूटर प्रक्रिया की तकनीक (computer  processing technique )

बैच प्रोसेसिंग  :- इस प्रक्रिया में डाटा का एक समूह बना कर उसे एक साथ कंप्यूटर में डाला जाता है।  जिसे निश्चित काल अवधि में प्रोसेस किया जाता है।  उदाहरण के लिए payroll (वेतन ) प्रणाली को लेते है।  जिसमे हर दिन कर्मचारी पंच कार्ड द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।  इस प्रक्रिया में कुछ निम्न खामिया है। 


1 ) इसमें डाटा का सग्रहण बढ़ जाता है।  जिसमे  काम करने की गति कम हो सकती है। 
2 ) इसमें एक निश्चित समय में ही डाटा डाल सकते है।  इसीलिए यह बिच के समय में क्रियान्वित नहीं रहता खाली रहता है।  

यह प्रक्रिया पे रोल बनाना बिल बनाने के कामो में प्रभावी ढंग से कार्य करती है। 

ऑनलाइन प्रोसेसिंग ( online processing ):-  इस प्रकार की प्रक्रिया में डाटा को टर्मिनल में डालते है वह टर्मिनल सीधे cpu से जुड़ा होता है।
तथा जैसे ही डाटा डालने की क्रिया पूर्ण हो जाती है।  वैसेही डाटा कंप्यूटर के संग्रहण माध्यम ( hard disk , CD etc ) 
में संगृहीत रहता है।  डाटा cpu को टेलीफ़ोन लाइन केबल के माध्यम से प्रेषित होकर क्रियान्वित होता है।  इस प्रक्रिया में हम सीधे कंप्यूटर के cpu से जुड़े होते है।  तथा डाटा को डालने या डाटा के बारे में किसी प्रकार की जानकारी लेना संभव होता है।  इस प्रकार की प्रक्रिया में डाटा डालने पर द्वितीयक सग्रहण माध्यम में सग्रहित आकड़े तेजी से नवीनीकृत हो जाते है।  इस प्रकार की प्रक्रिया में डाटा की entry तथा प्राप्ति तेज गति से होती है।  

रियल टाइम प्रोसेसिंग (real time processing ) :-  इस प्रकार की प्रक्रिया में डाटा को डालते ही वह प्रोसेसिंग के लिए चले जाता है।  यह प्रक्रिया प्रोग्रामो की पारस्परिक क्रिया (interactive ) में सुविधाजनक होती है।  जिसमे उपयोग कर्ता डाटा प्रोसेसिंग करते समय ही कंप्यूटर में डाटा का आदान प्रदान कर सकते है।  साधारणतः इस प्रोसेस की प्रक्रिया में टर्मिनल यह टेलीफोन संचार प्रणाली द्वारा मुख्य cpu से जुड़े होते है।  

ऑफ लाइन प्रॉसेसिंग (off-line processing) :- इस प्रकार की प्रक्रिया में डाटा cpu के सीधे नियंत्रण में नहीं रहता है।  साधारणतः जिस टर्मिनल पर हम डाटा डालते है।  वह cpu में ना जाकर निश्चित मेग्नेटिक डिस्क में जाता है।  जिसे डिस्क के द्वारा बाद में बैच प्रोसेसिंग से कंप्यूटर पर डाला जाता है।  साधारणतः मिनी कम्प्यूटर में यह प्रक्रिया अपनाई जाती है , जिसमे बहोत सारे टर्मिनल जुड़े होते है।  इसमें डाटा को डिस्क में सग्रहित किया जाता है।  और बाद में उसे मुख्य मेमोरी में डालते है।  जिससे डाटा की खामिया कम होती है तथा काम तेजी से होता है।  

multi programming :-   एक समय में एक से अधिक प्रोग्राम चलने की क्षमता को मल्टीप्रोग्रॅमिंग कहते है।  हलाकि विभिन्न प्रोग्राम एक ही समय में मेमोरी में रहते है। लेकिन cpu सिर्फ एक ही सुचना या आदेश क्रियान्वित  करने में  सक्षम  रहता है।  मिनी कंप्यूटर प्राय अलग अलग टर्मिनल से अलग अलग इनपुट आउटपुट कार्य को सँभालते है।  ऐसे मिनी कंप्यूटर को front and processor कहा जाता है।  इसी तरह एक मेनफ्रेम cpu को सिर्फ  एक मिनी कंप्यूटर से जुड़ना होता है।  ना की प्रत्येक टर्मिनल को . लेकिन सुपर supervisor cpu  को एक प्रोग्राम से एक सूचना फिर दूसरे प्रोग्राम से दूसरी सुचना क्रियान्वित करने में समर्थ करता है।  अतः एक साथ एक से ज्यादा प्रोग्राम कार्य कर सकते है।  इसीलिए मल्टीप्रोग्रॅमिंग क्रिया में कोई भी एक प्रोग्राम पहले से अंत तक लगातार नहीं चलता है।  इससे काम समय में ज्यादा प्रोग्राम क्रियान्वित हो सकते है।   बहुतायत मिनी कंप्यूटर में इस में इस प्रकार  की  ऑपरेटिंग प्रणाली प्रयोग की जाती है।  जो एक साथ विभिन्न टर्मिनल पर काम कर सके।  

multiprocessing :- मल्टीप्रोसेसिंग का प्रयोग दो या उससे ज्यादा cpu को को जोड़ कर डाटा प्रोसेसिंग के लिए किया जाता है।  मल्टीप्रोसेसिंग क्रिया में एक से ज्यादा आदेश की cpu एक साथ क्रियान्वित करता है।  ऐसी प्रणाली में स्वतन्त्र या अलग प्रोग्राम के आदेश एक ही समय में अलग अलग प्रोसेसर द्वारा सम्पादित होते है।  
या एक प्रोसेसर के विभिन्न ादेशो को एक साथ क्रियान्वित करता है।  ऑपरेटिंग सिस्टम इस प्रणाली में इनपुट आउटपुट एव प्रोसेसिंग क्षमता इत्यादि को नियत्रित संतुलित करता है।  

Time sharing :-  कंप्यूटर  टाइम शेयरिंग योग्यता  एक से ज्यादा प्रयोगकर्ता को एक साथ करने की करने की अनुमति देता है।  यह विभिन्न प्रयोगकर्ता को एक कंप्यूटर प्रणाली में कार्य करने की सुविधा प्रदान  करता है।  यदि प्रयोगकर्ता की संख्या ऑपरेटिंग सिस्टम की नियंत्रण सिमा के अंदर हो तब भी सभी प्रयोगकर्ता cpu को बिना रुके इस्तेमाल कर सकते है।  टाइम शेयरिंग क्रिया साधारणतः टर्मिनल के प्रयोग में आती है।  जहा प्रत्येक टर्मिनल cpu से जुड़ा होता है।  





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