MS-DOS COMMAND क्या है ? ms dos का इतिहास (history of ms dos )MS DOS क्या है ? MS DOS को कैसे समझे ? DISK OPERATING SYSTEM की सुरुवात कैसे करे , DISK OPERATING SYSTEM कैसे सीखे ("cpct" हिंदी में ) DCA, PGDCA NOTES हिंदी में, internal and etrernal command in hindi , difrence beetween internal and external dos command
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DISK OPERATING SYSTEM क्या है ? समझाइये। . DISK OPERATING SYSTEM की सुरुवात कैसे करे , DISK OPERATING SYSTEM कैसे सीखे
MS-COMMAND (कमांड ) :-
ऑपरेटिंग सिस्टम यह मुख्य कण्ट्रोल प्रोग्राम है , जो कंप्यूटर हार्डवेयर को दिशा निर्देशित करता है ! यह कंप्यूटर के विभिन्न हिस्सों को जाने वाले सिग्नल को निर्देशित करता है ! कम्प्यूटर सुरु होते ही सबसे पहले यह प्रोग्राम लोड होता है ! MS- DOS , OS/2 WINDOWS यह PC कंप्यूटर पर सबसे अधिक प्रयोग होते हुई ऑपरेटिंग सिस्टम है | तथा machantos प्रकार के कंप्यूटर पर उसे फाइंडर तथा multi finder ऑपरेटिंग सिस्टम प्रयोग होते है ! dos operating सिस्टम कंप्यूटर के हार्डवेयर को नियत्रित करती है ! dos एक विशेष प्रकार सॉफ्टवेयर है , जो कंप्यूटर सिस्टम कंप्यूटर को यह बताता है की जब उस पर विभिन्न कमांड टाइप करते है , तब उसे क्या करना चाहिए !
जैसे हम कंप्यूटर चालू करते है तब कंप्यूटर यह जांच करता है , की आंतरिक संसाधन (प्रिंटर , मॉनिटर , मेमोरी ,रैम , रोम , विभिन्न यन्त्र ठीक काम कर रहे अथवा नहीं , यह जांच पूरी होने के बाद ऑपरेटिंग सिस्टम लोड किया जाता है ,
ऑपरेटिंग सिस्टम से निम्नलिखित कार्य कर सकते है।
1. यह प्रोसेसर को विभिन्न कार्य करने के लिए निर्देशित करता है।
2. डाटा, एप्लीकेशन, प्रोग्राम , सिस्टम प्रोग्राम को मुख्य मेमोरी तथा स्टोरेज डिवाइस में किस जगह पर सग्रहित करना है यह बताता है।
3. विभिन्न इनपुट , आउटपुट डिवाइस का व्यवस्थापण तथा उन्हें निर्देशित करता है।
4. बनाये गए फाइल को व्यवस्थित तरीके से रखना का काम तथा उनसे सम्बंधित कार्य जैसे फाइल को कॉपी करना ,नाम बदलना , आदि काम ऑपरेटिंग सिस्टम करता है।
5 प्राथमिकता के आधार पर कार्य को पूर्ण करता है।
6. आदेश तथा निर्देश को सयोजन करता है।
7. विभिन्न प्रोग्राम में बनाई गई फाइल एक दूसरे को प्रभावित न करे , यह भी सुनिश्चित करता है।
8. डाटा की सुरक्षा तथा व्यवस्स्थापन करता है।
dos के कार्य
1. नई फाइल बनने के लिए।
2. अनावश्यक फाइल को हटाना।
3. नई फाइल को नाम देने के लिए।
4. डिस्क में संचारित फाइल लिस्ट दर्शना।
5. कीबोर्ड पर सुचना प्राप्त कर मॉनिटर पर दर्शाना।
6. डिस्क में संचित की लिस्ट दिखाना।
7. डिस्क में संचय capacity को बढ़ाना।
8. नई फ्लॉपी डिस्क को फॉर्मेट करना।
9. एक डिस्क से दूसरे डिस्क पर फाइल को कॉपी करना।
10. c.p.u और मेमोरी का सञ्चालन करना।
11. किसी program को कितनी मेमोरी चाहिए यह निर्धारित कर उसे देना।
12. प्रिंटर को सञ्चालन में नियत्रित करना।
13. वायरस की खोज क्र उसे नस्ट करना।
dos के संस्करण
पुराने कंप्यूटर में डाटा के लिए डिस्क का प्रयोग नहीं होता था। डाटा सग्रहण के लिए punch card , magnetic tap आदि का प्रयोग होता था। पुराने समय में डिस्क (hard डिस्क , प्लॉपी डिस्क ) का मैनेज करने के लिए
software नही बना था। 1979 में dos (disk operating system ) बनाया गया है , यह ऑपरेटिंग सिस्टम एक फ्लॉपी डिस्क में आ जाता था। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम आने के पहले dos personal कंप्यूटर सबसे अधिक प्रयोग होने लगा था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम के कारण कंप्यूटर का प्रयोग सामान्य कामो में होने लगा था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम को माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने बनाया था। यह उस समय की सबसे आसान ऑपरेटिंग सिस्टम था। DOS ऑपरेटिंग सिस्टम IBM प्रकार के कंप्यूटर के लिए बनाई गई थी।
इसका पूरा नाम MS DOS (MICRO-SOFT DISK OPERATING SYSTEM ) है।
अभी तक DOS के निम्न संस्करण आये है ,
DOS 1.0 DOS 4.0 DOS 6.22
DOS 1.1 DOS 4.01 MS-DOS(यह विंडोज 7, 8 ,10 ओपेरेटिंग सिस्टम के
DOS 1.25 DOS 5.0 के साथ उपलभ्द है )
DOS 2.0 DOS 5.0A
DOS 2.1 DOS 5.0
DOS 3.0 DOS 6.0
DOS 3.1 DOS 6.1
DOS 3.2 DOS 6.2
DOS 3.3 DOS 6.21
इसके अंतर्गत तीन प्रकार की कमांड होती है।
1. internal command
2. external command
3. utility command
1. internal command :-
वे कमांड जो कंप्यूटर में पहले से उपस्थित होती है या command.com में पहले से मौज़ूद होती है internal कमांड कहलाती है। जोकि निम्नलिखित है।1. cd.. 12) md 23) dir/al 34) dir/od
2. cd/ 13) cd 24) dir/ai 35) dir/og
3. cls 14) rd 25) dir/b 36) dir/q
4. date 15) dir 26) dir/c 37) dir/r
8. copy con 19) dir/w 30) dir/o 41) dir/ta
9. type 20) dir/ar 31) dir/on 42) dir/tw
10. ren 21) dir/ah 32) dir/os 43) dir/x
11. del 22) dir/as 33) dir/oe 44) dir/4
1. |
cd.. |
12) |
md |
23) |
dir/al |
34) |
dir/od |
|
cd/ |
13) |
cd |
24) |
dir/ai |
35) |
dir/og |
3. |
cls |
14) |
rd |
25) |
dir/b |
36) |
dir/q |
4. |
date |
15) |
dir |
26) |
dir/c |
37) |
dir/r |
5. |
time |
16) |
dir/aa |
27) |
dir/d |
38) |
dir/s |
6. |
vol |
17) |
dir/ad |
28) |
dir/L |
39) |
dir/t |
7. |
ver |
18) |
dir/p |
29) |
dir/n |
40) |
dir/tc |
8. |
copy con |
19) |
dir/w |
30) |
dir/o |
41) |
dir/ta |
9. |
type |
20) |
dir/ar |
31) |
dir/on |
42) |
dir/tw |
10. |
ren |
21) |
dir/ah |
32) |
dir/os |
43) |
dir/x |
11. |
del |
22) |
dir/as |
33) |
dir/oe |
44) |
dir/4 |
ms dos open करने के लिए
start → all program → accessories → command prompt
या windows key + R = cmd
1. cd.. :- इस कमांड का use directory या folder से step by step बाहर आने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> user\123>cd..←c:\> user>cd..←
c:\>-
इस तरह use किया जाता है।
2. cd/ :- इस कमांड का use directory या folder से डायरेक्ट बाहर आने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> user\123>cd/←c:\>-
3. cls :- इस कमांड का use screen को साफ़ करने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> user\123>cls ←4. date :- इस कमांड का useकमांड का use date set करने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> date ←note :- यदि कमांड सही नहीं चलती है तो आप command prompt को right click कर run as administrator कर open करे।
5. time :- इस कमांड का use कमांड का use time set करने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> time ←note :- यदि कमांड सही नहीं चलती है तो आप command prompt को right click कर run as administrator कर open करे।
6. vol :-इस कमांड का use volume label check करने के लिए किया जाता है।
volume label :- वह होता है जो कंप्यूटर की ड्राइव पर दिखाया जाता है।
जैसे ड्राइव का नाम local disk c , local disk D जब आप drive पर right click rename कर बदला जाता है।syntax :- c:\> vol ←
7. Ver:- इस कमांड का use कंप्यूटर में उपस्थित ऑपरेटिंग सिस्टम का version check करने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> ver ←8. copy con :- इस command का use new file बनाने के लिए किया जाता है।
आपकी फाइल बन जाएगी यदि किसी कारण वस आपकी फाइल नही बनती है तो अर्थात
enter करने के बाद 1 file copy लिखा हुआ आया तो आपकी फाइल बन चुकी है यदि
0 file copied लिखा आया तो आपकी फाइल नहीं बनी है। इस समस्या के लिए आपको अपना ड्राइव लेटर चेंज।
example :- c:\> D : ←
D:\> -
आप इस प्रांप्ट में आपका कार्य कर सकते है।
9. type :- इस command का हुई फाइल के matter check करने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> type (file name )←
example :- c:\> type srm ←
it is a computer
10. ren (rename ) :- इस command का use बनी हुई फाइल का नाम बदलने के लिए किया जाता है।
example :- c:\> ren srm srm1 ←
अर्थात srm file का नाम बदलकर srm1 हो जायेगा।
11. del :- इस command का use किसी फाइल को delete करने के लिए किया जाता है।
12. md (make directory ):- इस command का use डायरेक्टरी या फोल्डर बनाने के लिए किया जाता है।
example :- c:\> md srm ←
13. cd (change directory ) :- इस कमांड का use डायरेक्टरी के अंदर प्रवेश करने लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> cd (directory name ) ←
example :- c:\> cd srm ←
c:\srm >-
14. rd (remove directory) :- इस कमांड का use डायरेक्टरी को हटाने के लिए use किया जाता है।
syntax :- c:\> r d (directory name ) ←example :- c:\> rd srm ←
15. dir :- इस कमांड का use फाइल और डायरेक्टरी की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\> dir ←16. dir/aa :- इस कमांड का use सिर्फ फाइल की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है !
syntax :- c:\>dir/aa←17) dir/ad :- इस कमांड का use सिर्फ फाइल की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है |
syntax :- c:\>dir/ad←18) dir/p :-इस कमांड का use page wise देखने के लिए किया जाता है |
syntax :- c:\>dir/p←19) dir/w :- इस कमांड का use width wise देखने के लिए किया जाता है |
syntax :- c:\>dir/w←20)dir/ar :- इस कमांड का use read only file की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है !
syntax :- c:\>dir/ar←21) dir/ah :- इस कमांड का use hidden file की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है !
syntax :- c:\>dir/ah←22) dir/as :-
इस कमांड का use system file की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है।
23) dir /al :- इस command का उस reparse point की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है।
24 ) dir/ai :- इस command का उस not content idexed files की लिस्ट देखने के लिए किया जाता है।
dir/b :- इस कमांड के माध्यम से जिस ड्राइव या फोल्डर से आप कमांड इस्तेमाल करते है उसमे उपस्थित सभी फोल्डर , आइकॉन , तथा फाइल के नाम दिखाई देंगे।
dir/c :- इस कमांड के माध्यम से आप ड्राइव में उपस्थित directriry की लिस्ट देखने के लिए कर सकते है।
1. external command :- वे कमांड जो कंप्यूटर में पहले से उपस्थित नहीं होती है या command.com में पहले से मौज़ूद नहीं होती है external कमांड कहलाती है।
1. tree 12) diskcomp 23) move2. tree/f 13) xcopy 24) sort
3. chkdsk 14) doskey 25) deltree
4. chkdsk/r 15) append 26)
5. attrib (+,-)R 16) backup
6. attrib (+,-)H 17) help
8. color 19) edit
9. mode 20) sys
10. label 21) diskcopy
11. format 22) move
1) tree :- इस कमांड का use computer system में उपस्थित डायरेक्टरी के साथ-साथ sub -डायरेक्टरी की लिस्ट ट tree के रूप में देखने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\>tree direcorty name ←इसके लिए आपको किसी डायरेक्टरी और फोल्डर के अंदर फोल्डर का निर्माण करना होगा।
example :-c:\>tree srm ←
2. Tree/f:- इस कमांड का use computer system में उपस्थित डायरेक्टरी के साथ-साथ sub -डायरेक्टरी तथा file की लिस्ट tree के रूप में देखने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\>tree direcorty name ←example :-c:\>tree/f srm ←
3. chkdsk :-इस कमांड का use computer system में उपस्थित डायरेक्टरी के साथ-साथ sub -डायरेक्टरी तथा file की को व्यवस्थित रूप से रखने के लिए किया जाता है ।
syntax :- c:\>chkdsk ←example :-c:\>chkdsk ←
4. chkdsk/R :-इस कमांड का use operating system को repair करने के लिए किया जाता है।
syntax :- c:\>chkdsk/r←example :-c:\>chkdsk/r←
Thank you this is v useful
ReplyDeleteVery use full artical
ReplyDelete👍👍
DeleteBahot achha hai
ReplyDeleteThank u vwry much
ReplyDeleteBahot sahi information hai bhai
ReplyDeletebest information for dos nice post vary useful information
ReplyDeleteThank u sir very use full
ReplyDeleteBrother your post is so important
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