कंप्यूटर हार्डवेयर, हार्ड डिस्क क्या है , हार्ड डिस्क किसे कहते है ? CPCT NOTES 2021,(cpct हिंदी में ) 2021
आधुनिक कंप्यूटर प्रणाली मैग्नेटिक डिस्क का प्रयोग सेकन्डोरी स्टोरेज माध्यम के रूप में मुख्यतः से होता है। डिस्क की CAPACITY हर साल 50 % बसढ़ रही है , लेकिन साथ ही साथ बड़े अनुप्रयोग और प्रणाली में सग्रहण की आवश्यकता भी बढ़ रही है ,
एक बहुत बड़े डाटा बेस को सेकड़ो सिसक की आवश्यकता हो सकती है।
प्रत्येक डिस्क प्लेटर यह गोल आकर की चपटी धातु की प्लेट होती है। जिस पर मैग्नेटिक पदार्थ का आवरण चढ़ा होता है। सभी जानकारी इसी प्लेटर में संग्रहीत होती है।
यह एक ठोस धातु की बानी हुई होती है इसलिए इसे हार्ड डिस्क कहा जाता जाता है।
जब यह डिस्क प्रयोग में रहती है तब एक मोटर उसे निश्चित गति से घूमता है (साधारणतः 60 , 90 , 120 rps चक्कर प्रति सेकंड )
1 )एक रीड write हेड प्लेटर के ऊपर स्थिर होती है।
2) डिस्क का वह पृस्ट्भाग जो हिस्सों में बता जाता है , उसे ट्रैक (track ) कहते है।
3) उन track को sector में विभाजित किया जाता है।
4) sector यह डिस्क इसके है जिससे डिस्क पर पढ़ा।
5) वर्तमान में उपलब्ध sector का आकार 512 byte का है।
6) डिस्क में २ से 4 प्लेटर होते है।
7) प्रत्येक प्लेटर में 16000 track होते है।
8) अंदर के ट्रैक की लम्बाई कम होती है तथा बहार के ट्रैक में अंदर की तुलना में ज्यादा सेक्टर होते है।
9) साधारणतः अंदर के ट्रैक में 200 sector होते है और बहार के ट्रैक में 400 सेक्टर हो सकते है। यह संख्या अलग अलग मॉडल में भिन्न भिन्न हो सकती है है।
10) ज्यादा capacity के हार्ड डिस्क में प्रत्येक प्लेटर पर ज्यादा ट्रैक और प्लेटर पर ज्यादा सेक्टर होते है।
read write head यह सेक्टर पर जानकारी सग्रहित करता है। यह कार्य मेग्नेटिक पदार्थ के चुंबकत्व के दिशा पर निर्भर होता है। प्लेटर के दोनों तरफ read write हेड होता है , जो प्लेटर सेक्टर पर पहुँचता है। डिस्क में एक से अधिक प्लेटर होते है , और उन सभी प्लेटर के read write हेड एक पुर्जे में जुड़े हुए होते है जिन्हे disk arm कहा जाता है। हेड यह डिस्क के ऊपर होता है और डिस्क यह स्पिंडल के ऊपर राखी जाती है इन दोनों को head - disk assemblies कहा जाता है। जैसे की सभी हेड प्लेटर पर एक साथ घूमते है , जो जब एक हेड पहले प्लेटर पर प्रथम ट्रैक पर होगा तो सभी हेड उनके सम्बंधित प्लेटर पर पहले ही ट्रैक पर रहते है। इसीलिए प्लेटर का प्रथम ट्रैक को सिलेंडर कहा जाता है।
उस read write head को जितने पास में रख जा सकता है , उतने करीब रखा जाता हिअ। जिससे डिस्क के के पृष्ठ्भाग का घनत्व बढ़ जाता है। एक डिस्क नियंत्रक कंप्यूटर तथा वास्तविक डिस्क के बिच में सम्बन्ध स्थापीत करता है। यह हाई लेवल कमांड को डिस्क डिस्क पर लिखता या उससे पढ़ता है , तथा उससे सम्बंधित कार्य करता है। जिसे डिस्क arm को दाये तरफ ले जाकर उस ट्रैक का डाटा प्राप्त किया जाये।
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