कंप्यूटर हार्डवेयर पार्ट्स की जनकारी ] में cpu
कंप्यूटर के अंतर्गत बहुत सारे पार्ट्स होते है , जिनके अंतर्गत कंप्यूटर के हम सभी पार्ट्स को विस्तार से समझेंगे।
1)cpu (central processing unit ) :- कंप्यूटर का सबसे मुख्य अंग cpu है। इसका काम प्रोग्राम को निदरेसित क्र चलना होता है। इसके साथ साथ वह विविध भागो जैसे मेमोरी , इनपुट , आउटपुट को नियत्रित करता है , छोटे कंप्यूटर में माइक्रोप्रोसेसर होता है। लेकिन बड़े कंप्यूटर में ज्यादा माइक्रोप्रोसेसर होते है , जिससे हर प्रोसेसर का एक निश्चित कार्य होता है ,
cpu में सभी गणनाओं होती है तथा उसे संचित क्र सकते है। एक बार आप इनपुट कार्य नहीं सकते सकते। cpu में हजारो या लाखो की संख्या में ट्रांजिस्टर होते है। जो विघुत के बहाव को एक स्विच को सामान संचलीत करते है। इनके इनके सिग्नल्स , बंद या चालू की स्थिति में काम करते है इनकी सिर्फ दोही स्थिति होती है। एक तो बंद या चालू। इस पूरी इसके को bit (binary digit ) कहा जाता है। binary का मतलब होता है दो यह सुचना सबसे छोटा रूप होता है। आठ बिट का एक बाइट बनता है जो एक अक्षर को दर्शाता है। आपका एक पेज का पत्र सेकड़ो या हजारी बाईट का हो सकता है। छपु को मूलतः तीन हिस्सों में बता जा सकता है कण्ट्रोल यूनिट a.l.u. मेमोरी
control unit :-
यह यूनिट इनपुट device , प्रोसेसिंग device , के बिच तालमेल जोड़ता है , तथा उन्हें निदरेसित करता है। साथ ही साथ यह भी देखता है , जो इनपुट दिया जाता गया है वह सही फॉर्मेट में है यनही यह मेमोरी से सूचनाओं प्राप्त करके उसे अनुवाद करता है तथा कार्यन्वित करता है , नियत्रण तथा टाइमिंग संकेतो को बना क्र उसे दूसरे इकाई में भेजता है। टाइमिंग सिग्नल्स का उत्तरदायित्व alu कामो की सुचना देने का होता है।
अर्थमेटिक लॉजिकल यूनिट :- इस हिस्से में वास्तविक गणनाये होती है। इनसे अर्थमेटिक यूनिट संख्याओं का गणितीय गणनाये करता है। जैसे जोड़ , घटना , गुना करना इत्यादि। तथा लॉजिकल यूनिट तार्किक गणए करता है। जैसे इससे बड़ा। इससे सबसे छोटा इत्यादि। सभी गणनाये होने के बाद डाटा फिर कण्ट्रोल यूनिट में आता है। जो नतीजे alu सम्पूर्ण अस्थाई तौर पर प्रायमारी मेमोरी में संगृहीत। परिणाम आउटपुट इकाई में दीखता है। जब कार्य जाता है तब डाटा सेकण्डरी स्टोरेज में जाकर स्टे तौर पर संगृहीत होता है। इकाई किस तरह से काम करे यह प्रोसेसर के डिज़ाइन पर निर्भर होती है। ज्यादातर अर्थमेटिक यूनिट जोड़ ,घटना, गुना ,भाग इन मूल कामो के लिए बनाये जाते है। तथा लॉजिकल यूनिट मुल तुलनात्मक कार्य के लिए बनाये जाते है।
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