फ्लॉपीडिस्क क्या है? (cpct हिंदी में ) "DCA PGDCA notes हिंदी में"




फ्लॉपीडिस्क क्या है ?

यह डिस्क टेपरिकॉर्ड के टेप जैसे प्लास्टिक कोडेड  आयरन आक्साईड से बनाई जाती ै।  सामान्यतः डिस्क 5.25 inch  तथा 3.5 इंच में उपलब्ध है।  इसके ऊपर चौकोर प्लास्टिक का सुरक्षा आवरण होता है।  जिसके अंदर की डिस्क सुरक्षित रहती है।  आवरण तथा डिस्क के बिच में एक मुलायम फाइबर कटिंग होती है जिससे डिस्क आसानीसे अंदर घूमती रहती है।  तथा उस फाइबर कटिंग से डिस्क साफ़ होती रहती है। यह सुचना संग्रही करने के लिए सर्वाधिक प्रयोग की जाती है।  IBM कम्पनी में इसका अविष्कार किया गया था।  अन्य डिस्क की तुलना में फ्लॉपी डिस्क की कीमत बहुत कम होती है।  इसमें एक एक्सेस स्लॉट होता है।  इसके ऊपर फ्लॉपी डिस्क का हेड आगे पिचई घूमते हुए रीड तथा WRITE करते रहता है।  फ्लॉपी डिस्क में डाटा  अदृश्य घने गोलों में जिसे ट्रैक कहा जाता है उसमे संगृहीत रहता है. प्रत्येक ट्रैक सेक्टर द्वारा विभाजित किया जाता है।  डिस्क को फॉर्मेट करने के बाद ही ट्रैक और सेक्टर बनते है।  फ्लॉपी डिस्क प्रथम ट्रैक जो की 0 है  उसे बाकि सभी ट्रैक की सूचनाओं को पहचानने के लिए प्रोग्राम किया जाता है।  एक सेक्टर में निम्न तीन घटक  होते है।
2. data field :- इस घटक में डाटा रिकॉर्ड किया जाता है वह रहता है।
3. gap :- इसकी संख्या 4 होती है।

1. identification number :- इस number में सेक्टर का पता (address) होता है जैसे ट्रैक नंबर, head number , sector number , etc


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