Search This Blog
cpct full form", "cpct full form 2023","cpct admit card", "cpct admit card 2023","cpct typing test", "cpct home", "cpct score card", "cpct mock test" "cpct mp online", "cpct result", "cpct क्या है ?" "cpct exam की जानकारी " , "cpct की तैयारी कैसे करे ?" "cpct फुल फॉर्म " cpct का एग्जाम कब है ? , cpct का पूरा नाम क्या है ", "cpct कोर्स कितने साल का होता है ?" "cpct में टाइपिंग गति की आवश्यकता है ?", "cpct करने के फायदे ", "cpct कोर्स फीस ", "cpct सिलेबस " cpct फुल कोर्स details इन हिंदी " ,"cpc
Featured
- Get link
- X
- Other Apps
COMPUTER FUNDAMENTAL की जानकारी, DCA हिंदी में पीजीडीसीए हिंदी में सीपीसीटी इन हिंदी
COMPUTER का इतिहास ( HISTORY )
1) पुराने समय में जब हम यह प्रयास करते थे , की अपना काम मशीन के जरिये आसानी से किया जा सके ! तथा फिजिकल काम के लिए हमने पुराने समय में सरल मशीन बनाना सुरु किया !
कुछ समय बाद 300 वर्ष पहले चीन ने एक मशीन बनाई जिसका नाम था अबाकस (ABACUS) , इसमें लकड़ी के फ्रेम में आठ या दस लोहे की छडे होती है ! जिसमे अलग अलग अंको की बॉल होती है ! इन बॉल से आसानी से MATHEMATICAL CALCULATION किया जाता है ! इसके बाद शून्य का अविष्कार किया गया !
यहाँ आप
ABACUS देख सकते है !
2) इसके बाद कैलकुलेशन को आगे बढाने के लिए जॉन निपोरियम ने लोग टेबल बनाया जिससे बहुत बड़े बड़े गुना भाग आसानी से कर सकते थे !
3) कुछ समय पश्चात विलियम आचर्ड ने स्लाइड रूल बनाया जिससे MATHEMATICAL CALCULATION आसानी से किया जाता है !
4) कुछ समय पश्चात् लगभग 1692 में बेल्जे पास्कल ने एक MECHANICAL CALCULATOR बनाया ! इसमें संख्याओं के साथ जोड़ना घटाना बहुत आसानी से किया जाता था !
5) लगभग 1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहला वास्तविक कंप्यूटर बनाया जो
MECHANICAL मशीन से चलता था !उस मशीन को डिफ़्रेन्स इंजीन कहा गया !
जोकि इस तरह से दिखाई देता था
6) जब कभी भी किसी मशीन या अविष्कार के बाद उसकी अंतर्गत खामियो को भी करने के लिए Analytical engine बनाया गया !
चार्ल्स बैबेज (charles babbage) को computer का जनक माना जाता है !
इस मशीन पर पहला प्रोग्राम बनाया गया था जोकि लेडी ऐडा लवलेज ने की थी ! साथ ही साथ वह पुरे दुनिया की पहली महिला programmer बनी !
7) इसके बाद 1850 में जार्ज बोले ने एक ऐसी mathematical प्रणाली बनाई जिसमे 0 से 1 इन दोनों अंको का प्रयोग होता था ! इस concept को boolean लॉजिक कहते है !
8) इसके बाद 1880 में हरमन कलिरिथ ने एक टेबुलेटिंग machine बनाई ! electricity पर चलती थी ! साथ ही साथ paunch card विकसित किया , जो data को paunch किये गए छिद्र के रूप में रखता था !
9) इसके बाद 1939 में डॉ. विसेंट अन्टासौफ ने पहला prototype इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बनाया जिसे atanasoff - berry computer कहा जाता है ! यह कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूब पर आधारित था !
10) 1994 में mark -1 नाम का पहला स्वत: रूप से चलने वाला तथा क्रम बद्ध तरीके से चलने वाला एक calculator बनाया गया !
11) 1947 में ENICA (ELECTRONIC NUMERIC INTEGRATOR AND CALCULATOR ) सरल कामो के लिए ELECTRONIC DIGITAL COMPUTER बनाया गया !
12) 1949 में MAGMATIC CORE MEMORY का विकास किया गया !
13) 1951 में FIRST BUSINESS रूप से UNIVAC-1 नाम का कंप्यूटर कंप्यूटर बनाया गया !
14) एक नई MACHINE 1924 में IBM (INTERNATIONAL BUSINESS MACHINE ) बनाई गई जिसे आज PERSONAL COMPUTER का जनक माना जाता है !
GENERATION OF COMPUTER
जैसे जैसे मनुष्य आगे बढ़ रहा है साथ ही साथ कंप्यूटर में भी विकाश हो रहा है हमने देखा कंप्यूटर अबाकस से कैलकुलेटर और उससे आगे कम्यूटर तक आगे बढ़ रहा है साथ ही साथ कंप्यूटर 1 रूम से उठ कर सभी की पॉकेट में भी आ गया है !
1ST GENERATION → 1940- 1956
2ND GENERATION → 1956-1963
3RD GENERATION → 1964-1971
4TH GENERATION → 1971 - अब तक
1st GENERATION (1940-1956)
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया गया था ! इन कंप्यूटर में हजारो वैक्यूम ट्यूब का USE होता था ! इसलिए इन COMPUTER का SIZE बहुत बड़ा होता था, और इससे बहुत ज्यादा गर्मी उत्पन्न होती थी !PROPERTY OF FIRST GENERATION COMPUTER
- इन कंप्यूटर में MAIN PART VACUUM TUBE होते थे !
- इनको चलने के लिए बहोत ज्यादा ELECTRIC POWER लगती थी !
- इसमें बहोत बड़ी वातनाकुलित इकाई की जरुरत होती थी !
- इन कंप्यूटर की गति वर्तमान कंप्यूटर की अपेक्षा बहुत कम थी !
- इसमें कार्य मशीन भाषा के प्रयोग द्वारा होता था ! यथार्थ प्रोग्राम में सिर्फ अंको का USE होता था ! इसीलिए इनमे काम करना कठिन होता था !
- यह सिर्फ उन USERS के लिए होता था USEFUL होता था ! जो पूर्णतः KNOWLEDGE रखता है !
2ND GENERATION (1956-1963)
इस पीढ़ी के कंप्यूटर में TRANSISTOR जैसे SEMICONDUCTOR का USE होता था ! जिसका SIZE वैक्यूम ट्यूब की तुलना में बहुत ही छोटा होता था ! फिर भी आज के कंप्यूटर की तुलना में बड़ा था !
PROPERTY OF SECOND GENERATION COMPUTER
- दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर की गति पहली पीढ़ी के कंप्यूटर से बहुत ज्यादा थी !
- इसे चलाने में कम शक्ति का प्रयोग होता था !
- इन कंप्यूटर संख्या की जगह अक्षर कोड का प्रयोग होता था , जिससे इसमें काम करना पहले की अपेक्षा आसान हो गया !
- इसमें कुछ RORTON , COBOL जैसे HIGH लेवल भाषा का USE किया जाता है !
- इसमें पंच कार्ड यह INPUT और OUTPUT DEVICES थे ! तथा MAGNETIC TAPE यह सग्रहण का माध्यम था !
- इसमें भी मध्यम आकर का कूलिंग सिस्टम होता था !
3RD GENERATION (1963-1971)
इस
पीढ़ी के कंप्यूटर में INTEGRATED CIRCUIT (ICS) का उस किया गया ! एक IC
में हजारो की संख्या में अलग अलग ELECTRIC को STORE किया जाता है !
इसीलिए एक IC उन हजारो TRANSISTOR के बराबर काम कर सकती है !
PROPERTY OF THIRD GENERATION COMPUTER
- इनकी गति पहले की तुलना में तुलना में ज्यादा थी !
- इनका आकार कम हो गया था तथा चलने के लिए कम शक्ति का प्रयोग होता था !
- इनमे operating system का प्रयोग आरम्भ हुआ !
- इसे एक साथ नेटवर्क पर एक से ज्यादा उपयोग करता use कर सकते थे !
- यह कंप्यूटर आसानी से English भाषा का use कर सकते थे ! कुछ छोटे अनुप्रयोग को इस्तेमाल किया जा सकता था !
- इसे बहुत छोटी वातानुकूलित इकाई की जरुरत होती थी !
- यह कंप्यूटर वैज्ञानिक तथा गणितीय फिल्ड में use होता था !
4th GENERATION (1971-अब तक)
इसके अंतर्गत (vary large scale intrigation ) VLASI तकनीक का USE किया गया है ! एक VLSI चिप में हजारो या लाखो ICS सम्मिलित रहती है ! कंप्यूटर का आकार बहुत ही कम अर्थात इन कंप्यूटर को DESKTOP कंप्यूटर कहा जाने लगा !
PROPERTY OF FORTH GENERATION COMPUTER
- इस पीढ़ी के कंप्यूटर की गति पुराने पीढ़ी के अपेक्षा बहुत ज्यादा थी !
- इतना छोटा कर दिया गया की आप इसे साथ ले जा सकते है !
- इसकी DATA STORE करने की CAPACITY बहुत ज्यादा थी !
- इस कंप्यूटर में काम करना आसान है , कोई भी व्यक्ति थोड़े से प्रशिक्षण के बाद इसका प्रयोग क्र सकता है !
- इसकी कीमत पुराणी पीढ़ी के कंप्यूटर की अपेक्षा बहूत काम है !
- इस कंप्यूटर में वातानुकूलित की जरुरत होती है !
fifth generation
इस अभी सही पैमाने पर इंसान की मासपेशियो पर प्रयोग किया जा रहा हाल ही में ऐसे बहोत सरे रोबोट्स सामने आये है ! जिसकी मेमोरी और वैचारिक capacity पायी गई है !
PROPERTY OF fifth GENERATION COMPUTER
- यह कंप्यूटर मनुष्य की भाषाएँ समझ सकेंगे !
- इन कंप्यूटर की स्वयं की बुद्धिमत्ता मतलब काम करने के लिए इंसानी दिमाग की आवश्यकता होगी !
types of computer
- कंप्यूटर को आकर, कार्य करने के तरीके एव सरचना के आधार पर बटा जा सकता है !
- १) analog computer
- २) digital computer
- ३) hybrid computer
analog computer :- ये वे कंप्यूटर होते है जो एनालॉग सिग्नल्स को समझते है !
- एनालॉग वह सिग्नल्स होते है जो समय के साथ बदलते है ! जैसे तापमान , गति ! यह कंप्यूटर प्राय वैज्ञानिक कामो में उस किया जाता है ! यह कंप्यूटर सामान्य कामो के इसका use नै किया जाता ! इसका प्रयोग अधिकतर भौतिक गणना करने के लिए होता है !
- ex :- यदि किसी भट्टी के तापमान को प्रोग्राम करना हो या उसके तापमान का मापन करना हो तब एनालॉग कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है !
digital computer :- यह कंप्यूटर डिजिटल सिग्नल्स द्वारा संचालि होता है ! इस प्रकार के कंप्यूटर में गणितीय तथा तार्किक गणना करके सही उत्तर देता है ! सामान्य कंप्यूटर इस श्रेणी में आते है ! इसमें काम करना आसान होता है ! इसकी कीमत भी कम होती है !
- ex :- आप calculator को digital कंप्यूटर कहा जा सकते हो !
hybrid computer :- वे कम्प्यूटर जो एनालॉग कंप्यूटर तथा डिजिटल कंप्यूटर दोनों का combination होता है ! यह कंप्यूटर दोनों type के सिग्नल्स को समझता है !
- ex :-1) जितने भी बड़े हॉस्पिटल में रोगी के का रक्तदाब , ह्रदय की धड़कन नोट करने के लिए कंप्यूटर लगा होता है ! वह कंप्यूटर रोगी शरीर से एनालॉग सिग्नल लेता है, लेकिन उसे डिजिटल सिग्नलो में परीवर्तन कर स्क्रीन पर दर्शाता है !
- 2) पेर्ट्रोल पम्प पर रखी मशीन भी hybrid कंप्यूटर है !
super computer :- यह अभी तक के कंप्यूटर में सबसे ज्यादा पॉवरफुल कंप्यूटर है ! यह यह हर प्रकार के डाटा को समझता है ! चाहे वो टेक्स्ट डाटा हो या graphical data हो या analog singles हो ! यह कम्यूटर बहुत ज्यादा जटिल तथा कठिन गणनाओ को आसानी से क्र सकता है ! इसकी संचित करने के capacity बहोत अधिक है ! इसमें बहोत से कप एक साथ क्रम में जुड़े जाते है | एक cpu के जरिये डाटा और program को एक प्रवाह में क्रियान्वित करने के विचार को वान न्यूमान सिद्धांत कहते है | सुपर कंप्यूटर इसी सिद्धांत पर कार्य करता है | इस प्रकार के cpu में अलग अलग alu विभिन्न समान्तर क्रम में जुड़े होते है |
PROPERTY OF SUPER COMPUTER
- इसका CPU बहुत शक्तिशाली होता है |
- यह दोनों प्रकार के DIGITAL और ANALOG सिग्नल्स को समज़ता है !
- इसकी मेमोरी प्रायमरी मेमोरी बाकि कंप्यूटर से बहुत अलग होती है !
- इसमें MULTI यूजर सुविधा होती है ! इस कंप्यूटर पर 1 ही CPU पर एकसाथ बहुत सारे USER काम क्र सकते है |
- यह कंप्यूटर बहुत जटिल डाटा की गणना और विश्लेषण कर सकता है !
- इसका उसे अंतरिक्ष विज्ञान, मौसम विज्ञान, न्यूक्लिअर , भौतिक इत्यादि में होता है !
PROPERTY OF मेनफ्रेम :-
- यह कंप्यूटर बहुत बड़े डाटा को विश्लेषित करने के लिए USE में लाये जाते है !
- यह विशेष तौर पर इसलिए बनाया गया था की बहोत सारे यूजर एक साथ काम कर सके |
- इसकी मेमोरी तथा वर्ड लेंथ ज्यादा होती है ! सामान्यतः इसकी वर्ड लेंथ 64 से 256 BIT की होती है |
इसकी वर्ल्ड लेंथ 32 से 128 की होती है ! यह कंप्यूटर सामान्यतः बड़ी COMPNY ने प्रयोग किये जाते है !
मइक्रोकंप्यूटर :- यह सभी प्रकार के छोटे कंप्यूटर है ! यह कंप्यूटर साधारण तथा सरल कामो के लिए प्रयोग में लाये जाते है ! इसके CPU में सिर्फ एक प्रोसेसर चिप होती है ! लेकिन अब मइक्रो कंप्यूटर भी शक्तिशाली बनने लगे है .
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Popular Posts
MS-DOS COMMAND क्या है ? ms dos का इतिहास (history of ms dos )MS DOS क्या है ? MS DOS को कैसे समझे ? DISK OPERATING SYSTEM की सुरुवात कैसे करे , DISK OPERATING SYSTEM कैसे सीखे ("cpct" हिंदी में ) DCA, PGDCA NOTES हिंदी में, internal and etrernal command in hindi , difrence beetween internal and external dos command
- Get link
- X
- Other Apps
history of ram , रैंडम-एक्सेस मेमोरी का इतिहास 2021
- Get link
- X
- Other Apps
This comment has been removed by the author.
ReplyDeletecomputer की अच्छी jankari haj
ReplyDeletebhai or post daliye vary useful
ReplyDeleteNice information
ReplyDeleteVary use ful
ReplyDeleteThank u very muchh
ReplyDeleteVery nice content
ReplyDelete